उत्तराखंड : 100 फीसदी क्षमता के साथ चलेंगे वाहन, करना होगा इन नियमो का पालन

कोरोना की दूसरी लहर का असर कम होने लगा है। प्रदेश में धीरे-धीरे बाजार खुलने लगे हैं। पाबंदियों में ढील दी जा रही है। गुरुवार से उत्तराखंड में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं का संचालन भी शुरू हो गया है। कोविड कर्फ्यू के चलते बसों, विक्रम, ऑटो व ई-रिक्शा के पहिए थम गए थे। गुरुवार से इनका संचालन शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। बुधवार को परिवहन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने इसे लेकर संशोधित मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर दी।
एसओपी के अनुसार अंतरराज्यीय और अंतर जनपदीय मार्गों पर बस, टैक्सी कैब, मैक्सी कैब, थ्री व्हीलर ऑटो, विक्रम व ई-रिक्शा का संचालन सीट क्षमता के हिसाब से होगा। बसों या अन्य वाहनों में सवारियों को खड़ा करके नहीं ले जा सकते हैं। वाहन स्वामियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो केवल राज्य परिवहन प्राधिकरण की ओर से निर्धारित दर पर ही किराया वसूलें।
गाइडलाइन के अनुसार के अब इन नियमो का करना होगा पालन
- 10 जून से सभी यात्री वाहनों में क्षमता के 100 फीसदी यात्रियों को ही बैठने की अनुमति होगी। इससे पहले 50 फीसदी यात्रियों की अनुमति दी गई थी।
- वाहनों के लिए एक जिले से दूसरे जिले या एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर सैनिटाइजेशन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
- प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई नई एसओपी के अनुसार राज्य के भीतर या राज्य के बाहर वाहनों के संचालन में पूर्ण रूप से कोविड नियमों का पालन करना होगा।
- हर यात्रा के बाद वाहन के प्रवेश द्वार, हैंडिल, स्टेयरिंग, रेलिंग, गीयर लीवर और सीटों पर सैनिटाइजेशन कराना अनिवार्य होगा।
- वाहन चालकों व परिचालकों को फेस मास्क व ग्लब्स अनिवार्य रूप से पहनने होंगे।
- अंतरराज्यीय या अंतरजनपदीय यात्रा के दौरान वाहन में प्रवेश करने वाले हर यात्री की थर्मल स्कैनिंग जरूरी होगी।
- यात्रियों के लिए भी मास्क अनिवार्य है।
- यात्रा करते समय पान, तम्बाकू, गुटका एवं शराब आदि का सेवन प्रतिबंधित रहेगा। वाहन में थूकना दंडनीय होगा।