Delhi riots: जाति-धर्म से ऊपर उठकर लोगों ने पेश की इंसानियत की मिसाल, पढ़ें पूरी खबर

राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में करीब तीन दिन तक चली हिंसा में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं करीब 200 लोग घायल हैं। इस हिंसा ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों को बदहाल कर दिया है। कई वाहन और दुकानें जलकर राख हो चुकी हैं। तो वहीं कई घरों में लूटपाट के मामले भी सामने आए हैं। ऐसे माहौल में जब हर कोई हिंसा पर उतारू हो चुका था। उस समय कुछ ऐसे भी लोग थे, जिन्होंने दूसरे धर्म के लोगों की रक्षा करके इंसानियत की बड़ी मिसाल कायम की।
मुस्तफाबाद में रहने वाले नईम की एक पैर नहीं है। वह कूलर पर लगने वाली घास का काम करते हैं। नईम ने बताया कि ‘मंगलवार को बड़ी संख्या में उपद्रवियों ने आकर ताला तोड़ा और पूरी घास पर आग लगा दी। मेरे दो घर हैं, उपद्रवियों ने दोनों घरों को आग के हवाले कर दिया।’ नईम का इस दंगे में करीब 14 लाख का नुक़सान हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि, ‘मेरे पड़ोस में पंडित जी रहते हैं। उन्होंने हमारी मदद की। पंडित जी ने मेरे यहां काम करने वाले लोगों और मेरे परिवार को दो-दो करके सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा। जबकि उन्हें भी हमारी मदद न करने की धमकी दी जा रही थी।’
फैज़ान का दो करोड़ का सामान जलकर हुआ ख़ाक
वहीं फैज़ान अशरफी की करावल नगर के खजूरी खास इलाके में आयुर्वेदिक दवाइयों की दुकान भी इस दंगे में जलकर खाक हो गई। फैज़ान होल सेल का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी दुकान में दो करोड़ का सामान था, जो चल चुका है। उन्होंने अपनी दुकान का बीमा भी नहीं कराया था। फैजान ने बताया कि भीड़ बहुत हिंसक हो रही थी। तब करावल नगर की यादव गली के हिंदुओं ने उनकी मदद की। उन्होंने फैज़ान को फोन करके कहा कि आपके घर की रक्षा हम करेंगे। आप चिंता ना करें।
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हिंदुओं ने बचाई एजाज़ अहमद के परिवार की जान
इसी तरह की एक कहानी करावल नगर की यादव गली से और सामने आई। यहां रहने वाले एडवोकेट एजाज़ अहमद का परिवार अकेला रह गया था। बाकी सभी मुस्लिम परिवार यहां से चले गए थे। तभी हिंसक भीड़ ने यहां पहुंचकर दुकानों में लूटपाट और आगजनी शुरू कर दी। तब इस इलाके में रहने वाले हिंदुओं ने मिलकर एजाज़ अहमद के परिवार को सुरक्षित उनके रिश्तेदारों के घर पहुंचाया। इनमें से कुछ मदद करने वालों के नाम बी एल शर्मा, पप्पू बंसल, मौंटी, रविंद्र हैं। जिन्होंने इस हिंसा भरे माहौल में भी इंसानियत को बचाए रखा।
हिन्दू-मुस्लिमों ने मिलकर लगाए एकता के नारे
वहीं ब्रिज बिहार के कुछ हिंदू-मुस्लिम सड़क पर इकट्ठे हुए और हिंसा के विरोध में नारे लगाने लगे। इनके नारे थे, ‘हम अपनी कॉलोनी का माहौल खराब नहीं होने देंगे’ ‘हम सब एक हैं’ ‘हिंदू मुस्लिम एकता जिंदाबाद।’
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