इधर जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन बिल पास, तो उधर महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला पुलिस कस्टडी में

लम्बे समय से जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने के कयासों पर अब विराम लग चुका है। दरअसल मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने का रास्ता साफ़ कर दिया है। साथ ही राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा प्रस्तावित जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल भी पास हो गया है।
जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन विधेयक के पास होने के बाद ही जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी चीफ महबूबा मुफ़्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया है। इससे पहले रविवार की देर रात को इन दोनों नेताओं को नजरबन्द कर दिया गया था।
दरअसल महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला द्वारा शुरू से ही इस बात को लेकर सरकार का विरोध किया जाता रहा है। चुनाव के दौरान जब बीजेपी ने अपने मैनिफेस्टो में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की बात कही थी, तो तब भी इन नेताओं के द्वारा इस बात का विरोध किया गया था। उस दौरान महबूबा मुफ़्ती ने धमकी देते हुए कहा था कि “अगर अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के साथ छेड़छाड़ होती है तो आप उस माहौल का सामना करेंगे जिसे आपने 1947 के बाद से आप ने नहीं देखा होगा।”
370 हटाने में मोदी सरकार हुई कामयाब, जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने वाला बिल भी राज्यसभा में पास
सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संकल्प पेश किया। जिसके मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर में अब अनुच्छेद 370 के सभी लागू नहीं होंगे, सिवाय खंड 1 के। साथ ही गृहमंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में पेश किया पुनर्गठन बिल भी बहुमत के साथ पास हो गया। जिसके अनुसार जम्मू-कश्मीर अब दो भागों में विभाजित होगा। इसमें लद्दाख अब जम्मू-कश्मीर से अलग होकर अलग प्रदेश होगा। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों केंद्र शाषित प्रदेश होंगे। केंद्र शाषित प्रदेश होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर में अपनी विधायिका होगी लेकिन लद्दाख में विधान सभा नहीं होगी।